“नहीं सर झुकेगा देश का, चाहे जान जाए या रहे,
तिरंगे की आन-बान-शान, बनी रहे हमेशा।”
इस एक शायरी में वो जोश, वो जुनून और
वो गर्व छुपा है जो हर भारतीय के दिल में
देश के प्रति होता है।
Tiranga न सिर्फ एक झंडा है,
बल्कि वो प्रतीक है हमारे इतिहास,
हमारी कुर्बानियों और हमारी एकता का।
🔥 तिरंगे के लिए मर मिटने का जज़्बा
तिरंगा हमारे देश की आत्मा है।
इसके तीन रंग न सिर्फ खूबसूरती,
बल्कि गहराई और बलिदान की कहानी कहते हैं।
- केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है।
- सफेद रंग शांति और सच्चाई की पहचान है।
- हरा रंग समृद्धि और विकास का संदेश देता है।
- और बीच में बना अशोक चक्र,
न्याय, धर्म और गति का प्रतीक है।
जब कोई कहता है —
“नहीं सर झुकेगा देश का,”
तो ये सिर्फ शब्द नहीं,
बल्कि एक संकल्प होता है
कि तिरंगे की शान पर कभी आँच नहीं आने देंगे।
💖 शायरी क्यों है असरदार?
15 August Shayari in Hindi दिल से निकलती है
और सीधे दिल में उतर जाती है।
इसमें न ज़्यादा शब्दों की ज़रूरत होती है,
न कोई भाषण।
सिर्फ कुछ लाइनें ही काफी होती हैं
देश के लिए कुछ करने की आग लगाने को।
✨ निष्कर्ष:
हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को
हम तिरंगा लहराते हैं,
लेकिन इस शायरी के ज़रिए
हर दिन देश के प्रति अपनी भावना को
जिंदा रखा जा सकता है।
15 August Shayari in Hindi
एक छोटा सा माध्यम है,
लेकिन इसका असर दिलों पर गहरा पड़ता है।
Comment main aap apni koi shayari ya apni raye jarur likhe
हरिवंश राय बच्चन: Say
“मिट्टी का तन, मस्ती का मन,
क्षण भर जीवन — मेरा परिचय।”
or
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ान: Say
“कफ़न बँध चुका है, अब तो चल दिए हैं,
जान हथेली पर लेकर देश की राहों में।”