Allama Iqbal shayari In Hindi

Allama Iqbal shayari In Hindi

1. मंज़िल की राह में, न हर क़दम आसान होता है

तफ़्सीर:
यह पंक्ति हमें बताती है कि जब हम किसी बड़ी मंज़िल (लक्ष्य) की ओर बढ़ते हैं, तो वह रास्ता हमेशा सरल और सीधा नहीं होता।
हर क़दम पर कठिनाइयाँ, रुकावटें और परीक्षाएँ आती हैं।
यानी कामयाबी का रास्ता संघर्ष से भरा होता है, और उसे पाने के लिए मेहनत और हिम्मत जरूरी है।


2. जिसे हम दिल से चाहें, वही पहचान होता है।

तफ़्सीर:
यहाँ कहा गया है कि हमारी असली पहचान वही होती है जिसे हम दिल की गहराइयों से चाहते हैं।
जिस चीज़ या व्यक्ति के लिए हम सच्चा प्यार, समर्पण और जुनून रखते हैं — वही हमारी ज़िंदगी की सच्ची पहचान बन जाती है।
यह हमारी “इच्छा” नहीं, हमारी “पहचान” होती है।


3. जब तक न हो जिस्म में जुनून की एक लहर,

तफ़्सीर:
यह शेर एक बहुत महत्वपूर्ण बात कहता है —
जब तक हमारे शरीर (जिस्म) और आत्मा में जुनून, उत्साह, और जज़्बा नहीं होता,
तब तक हम कुछ भी बड़ा हासिल नहीं कर सकते।
यह “जुनून की लहर” ही है जो इंसान को आम से ख़ास बनाती है।


4. तब तक हर ख्वाब सिर्फ एक ख़्याल होता है।

तफ़्सीर:
अगर हमारे अंदर जुनून नहीं है, तो जो सपने हम देखते हैं, वो सिर्फ़ ख़्याल बनकर रह जाते हैं।
यानी बिना जुनून और मेहनत के सपने कभी भी हकीकत नहीं बन सकते।
सपनों को पूरा करने के लिए जुनून और कर्म जरूरी है।


सारांश (मूल संदेश):

यह पूरी शायरी हमें यह सिखाती है कि:

  • मंज़िलें आसान नहीं होतीं — संघर्ष ज़रूरी है।

  • दिल से चाही गई चीज़ ही हमारी पहचान होती है।

  • सपनों को पूरा करने के लिए अंदर से उठती एक जुनून की लहर ज़रूरी है।

  • वरना सपने सिर्फ़ सोच बनकर ही रह जाते हैं।

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