हमसे जलने वाले भी कमाल करते हैं – शायरी का भाव और सामाजिक सन्दर्भ
“हमसे जलने वाले भी कमाल करते हैं,
महफिलें खुद की होती नहीं, चर्चे हमारे करते हैं।”
यह शायरी सिर्फ शब्दों का मेल नहीं है,
बल्कि एक गहरी सामाजिक सच्चाई को उजागर करती है।
यह उन लोगों के बारे में है जो खुद कुछ बड़ा नहीं कर पाते,
लेकिन दूसरों की सफलता से परेशान रहते हैं और हर समय उनकी चर्चा में लगे रहते हैं।
इस शायरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ईर्ष्या और आत्मविश्वास के बीच का फर्क बड़ी खूबसूरती से दिखाती है।
अगर कोई आपकी चर्चा करता है, तो इसका मतलब है आप कुछ अलग कर रहे हैं — कुछ ऐसा, जो दूसरों का ध्यान खींच रहा है।
🔹 ईर्ष्या: असफलता की निशानी या सफलता का प्रमाण?
कई बार लोग दूसरों से इसलिए जलते हैं क्योंकि वे खुद वह मुकाम नहीं हासिल कर पाते। मगर याद रखिए
अगर लोग आपकी बुराई कर रहे हैं, तो आप कुछ अच्छा कर रहे हैं। यह शायरी इस सच्चाई को उजागर करती है।
🔹 महफिलें खुद की नहीं, चर्चे हमारे!
यह लाइन बताती है कि जलने वाले खुद कुछ बनाने में असमर्थ होते हैं, इसलिए दूसरों के बनाए नाम पर जीते हैं।
यह दूसरों की सफलता से अपनी पहचान बनाने की असफल कोशिश है।
📌Shayari in hindi attitude निष्कर्ष (Conclusion) :
“हमसे जलने वाले भी कमाल करते हैं”
जैसी शायरी न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है।
यह एक प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो आलोचना से घबराते हैं।
याद रखें, अगर लोग बात कर रहे हैं, तो आप रास्ता सही पकड़ चुके हैं।
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ak or Attitude shayari
“जो लोग नीचे गिराने की सोचते हैं,
वो खुद मेरी ऊँचाई नहीं समझ पाते।”